Purani Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लेकर सरकारी कर्मचारियों के बीच लंबे समय से चर्चा चल रही है। मोदी सरकार ने इस संबंध में एक नया कदम उठाया है, जो कर्मचारियों के लिए राहत की खबर हो सकती है। आइए इस मुद्दे पर विस्तार से जानें।
सरकार का नया दृष्टिकोण
केंद्र सरकार अब पेंशन को लेकर एक नए दृष्टिकोण पर विचार कर रही है। इसके तहत, कर्मचारियों को 50% गारंटीड पेंशन देने की योजना बनाई जा रही है। यह कदम उन कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत हो सकता है, जो लंबे समय से OPS की वापसी की मांग कर रहे थे।
संसद में चर्चा
22 जुलाई 2024 को शुरू हुए बजट सत्र में भी OPS पर चर्चा हुई। कांग्रेस के लोकसभा सांसद श्री प्रणीति सुशील कुमार शिंदे ने इस मुद्दे पर सरकार से कई सवाल पूछे। यह दर्शाता है कि पेंशन का मुद्दा राजनीतिक दलों के लिए भी महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना
वित्त राज्य मंत्री ने संसद में बताया कि सरकार ने 2019 में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत, 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर बुजुर्गों को हर महीने 3000 रुपये पेंशन के रूप में दिए जाते हैं। यह योजना 18 से 40 वर्ष की आयु के उन कर्मचारियों के लिए है, जिनका मासिक वेतन 15000 रुपये या उससे कम है।
आगामी बजट में संभावनाएं
2024 के आगामी बजट में, जिसे ‘बिजली बस 2024’ के नाम से पेश किया जाएगा, OPS को फिर से लागू करने की मांग उठाई जा सकती है। कर्मचारी संगठनों ने सरकारी नीति निर्माताओं और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को इस संबंध में प्रस्ताव भेजे हैं।
विशेष बचत खाता का प्रस्ताव
सरकार एक नई योजना के तहत विशेष बचत खाता बनाने पर विचार कर रही है। यह खाता उन सरकारी कर्मचारियों के लिए होगा, जिन्हें सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन की आवश्यकता होगी। सरकार हर साल इस खाते में पेंशन के लिए आवश्यक राशि जमा कराएगी।
महंगाई भत्ते का लाभ
पुरानी पेंशन योजना का एक अतिरिक्त लाभ महंगाई भत्ते का प्रावधान है। 1 अक्टूबर 2005 से पहले नियुक्त कर्मचारियों को न केवल पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा, बल्कि उन्हें महंगाई भत्ते का लाभ भी दिया जाएगा। इस भत्ते में साल में दो बार वृद्धि की जाती है, जो सेवानिवृत्त कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को और मजबूत करेगा।
पुरानी पेंशन योजना का मुद्दा सरकारी कर्मचारियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। सरकार द्वारा उठाए जा रहे नए कदम और प्रस्तावित योजनाएं इस दिशा में सकारात्मक संकेत हैं। हालांकि, इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय और इसके कार्यान्वयन की प्रक्रिया पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करेगी और एक संतुलित समाधान निकालेगी।
अस्वीकरण: हमारी वेबसाइट पर दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और इंटरनेट पर उपलब्ध स्रोतों से एकत्रित की गई है। हम किसी भी राय या दावे का समर्थन नहीं करते हैं। जानकारी की सटीकता के लिए स्वतंत्र रूप से सत्यापन करें।