Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मांग लगातार कर्मचारी संगठनों और अन्य विपक्षी पार्टियों के सांसदों द्वारा की जा रही है। सरकार पर पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने का दबाव बनाया जा रहा है।
इसे लेकर संसद में सरकार द्वारा जानकारी देते हुए पुरानी पेंशन योजना के तहत बड़ी घोषणा की गई। यदि आप भी एक कर्मचारी हैं और पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मांग कर रहे हैं, तो सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना को लेकर दिए गए इस बड़े बयान की जानकारी आपको होनी चाहिए। आज इस आर्टिकल में हम आपको पुरानी पेंशन योजना के तहत सरकार द्वारा दी गई जानकारी के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं।
बजट सत्र के दौरान विपक्षी पार्टियों के नेताओं द्वारा सरकार से पुरानी पेंशन योजना के बारे में जानकारी मांगते हुए सवाल किया गया है, जिसमें पूछा गया है कि सरकार पुरानी पेंशन योजना को कर्मचारियों के लिए कब तक लागू कर सकती है। इसके अलावा, वर्ष 2013 के बाद संगठित क्षेत्र में कार्य करने वाले श्रमिकों को प्रदान किए गए पेंशन की राज्यवार सूची जारी करने की मांग भी की गई है।
आए दिन, पुरानी पेंशन योजना को लेकर संसद से लेकर सड़क तक चर्चा का दौर जारी है। अनेक कर्मचारी संगठन और असंगठित क्षेत्र के संगठन सरकार से पुरानी पेंशन योजना की मांग कर रहे हैं। लगातार इन संगठनों द्वारा पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार नेशनल पेंशन स्कीम के फायदे गिनाने का प्रयास कर रही है।
क्या है पुरानी पेंशन स्कीम? (What is Old Pension Scheme)
पुरानी पेंशन योजना को वर्ष 2004 में बंद कर दिया गया था। तब से ही सभी कर्मचारी संगठन और असंगठित क्षेत्र में कार्य करने वाले संगठन सरकार से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग कर रहे हैं। दरअसल, पुरानी पेंशन योजना एक प्रकार की निश्चित पेंशन योजना थी, जिसके अंतर्गत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद अंतिम प्राप्त सैलरी की 50% राशि पेंशन के रूप में मिलती थी। इसके अलावा, पुरानी पेंशन योजना बाजार से जुड़ी नहीं थी, जिससे यह कर्मचारियों के लिए सुरक्षित थी। इसमें कर्मचारियों को निश्चित पेंशन मिलने का प्रावधान था। इसके अलावा, कर्मचारियों की मृत्यु हो जाने पर उसके परिवार के किसी सदस्य को इस पेंशन योजना का लाभ मिलता था।
पुरानी पेंशन और नई पेंशन स्कीम में अंतर
नेशनल पेंशन स्कीम के अंतर्गत सरकार द्वारा 10% राशि कर्मचारियों की सैलरी में से काटी जाती है, ताकि उन्हें रिटायरमेंट के बाद पेंशन प्रदान की जा सके। जबकि पुरानी पेंशन योजना में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। सरकार द्वारा कर्मचारियों की सैलरी में से किसी भी प्रकार की राशि नहीं काटी जाती थी। पुरानी पेंशन योजना की तरह नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिलता है।
राष्ट्रीय पेंशन योजना की शुरुआत वर्ष 2004 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा की गई थी। वर्ष 2004 में केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया था और तब से अब तक कर्मचारियों को नेशनल पेंशन योजना के तहत पेंशन राशि का भुगतान किया जा रहा है। 2004 से पहले नौकरी करने वाले कर्मचारियों को आज भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है। वर्ष 2004 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नेशनल पेंशन स्कीम को लागू करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में लागू किया गया।
अस्वीकरण: हमारी वेबसाइट पर दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और इंटरनेट पर उपलब्ध स्रोतों से एकत्रित की गई है। हम किसी भी राय या दावे का समर्थन नहीं करते हैं। जानकारी की सटीकता के लिए स्वतंत्र रूप से सत्यापन करें।