PM Kisan 18th Installment Update: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजना है। इस योजना के तहत, पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि 2,000 रुपये की तीन किस्तों में किसानों के बैंक खातों में सीधे जमा की जाती है। यह योजना देश के करोड़ों किसानों के लिए एक बड़ी राहत साबित हुई है।
18वीं किस्त की संभावित राशि
अब तक, प्रत्येक किस्त में 2,000 रुपये दिए जाते रहे हैं। लेकिन अब ऐसी खबरें हैं कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए 18वीं किस्त में इस राशि में वृद्धि हो सकती है। हालांकि, यह अभी पुष्टि नहीं हुई है कि राशि कितनी बढ़ेगी। कुछ राज्यों में, राज्य सरकारें भी अपना योगदान देकर इस राशि को 3,000 या 4,000 रुपये तक बढ़ा देती हैं।
18वीं किस्त की संभावित तिथि
पिछली 17वीं किस्त 18 जून 2024 को जारी की गई थी। चूंकि हर किस्त लगभग चार महीने के अंतराल पर जारी की जाती है, इसलिए 18वीं किस्त अक्टूबर 2024 के आसपास जारी होने की उम्मीद है। हालांकि, सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
किस्त प्राप्त करने के लिए आवश्यक कदम 18वीं किस्त प्राप्त करने के लिए, लाभार्थियों को कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे:
- ई-केवाईसी अनिवार्य: सरकार ने पीएम किसान योजना के लाभार्थियों के लिए ई-केवाईसी करवाना अनिवार्य कर दिया है। अगर आपने अभी तक ई-केवाईसी नहीं करवाई है, तो तुरंत करवा लें।
- लाभार्थी सूची में नाम: यह सुनिश्चित करें कि आपका नाम पीएम किसान योजना की लाभार्थी सूची में शामिल है।
लाभार्थी सूची की जांच कैसे करें अपना नाम लाभार्थी सूची में देखने के लिए निम्न चरणों का पालन करें:
- पीएम किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- होम पेज पर ‘लाभार्थी सूची’ पर क्लिक करें।
- अपने राज्य, जिले, तहसील और गांव या शहर का चयन करें।
- ‘सर्च’ बटन पर क्लिक करें।
- आपके क्षेत्र की लाभार्थी सूची दिखाई देगी, जिसमें आप अपना नाम देख सकते हैं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भारत के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता है। 18वीं किस्त की प्रतीक्षा कर रहे किसानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी ई-केवाईसी पूरी हो और उनका नाम लाभार्थी सूची में शामिल हो। यदि किस्त की राशि में वृद्धि होती है, तो यह किसानों के लिए एक बड़ी राहत होगी। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, इसलिए किसानों को सरकारी सूचनाओं पर नजर रखनी चाहिए।
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